जोड़ कर रिश्ता मुझसे
जोड़ कर रिश्ता मुझसे


जोड़ कर रिश्ता मुझसे, मुझे ही दगा दे दिया
सारे जहान में तुम्हें, मैं ही मिला था क्या
मैं तो मसरूफ था तेरी मोहब्बत में
फिर कैसे जान पाता आखिर इरादे तुम्हारे
ऐसा तीर मारा है जिगर में तुमने
निकाले तो दम गया, ना निकाले तो भी दम गया
मेरी मासूमियत, मेरी मोहब्बत, मेरी वफ़ा
कुछ ना दिखी तुम्हें, मेरे कत्ल की साज़िश करने से पहले
चलो अच्छा है, जो तुम हो, तुमने दिखा दिया
वरना ज़िन्दगी यूं ही गुजर जाती फरेब में तुम्हारे।