तेरी सूरत बेमिसाल हैं
तेरी सूरत बेमिसाल हैं
तेरी भोली सी सूरत पे
सैंकड़ो जां निसार हैं
कहते एक ही नज़र पे
तेरी सूरत बेमिसाल हैं !
इस जहां की शाख पे
कुक रहे सैंकड़ो कोयल हैं,
इस हसीन सूरत पे
जानें कितने कायल हैं !
इस चाहत की ज़मी पे
सुरज़ का आना हुआ हैं,
चांद भी इस ज़मी पे
चांदनी का दिवाना हुआ हैं !
हर डगर पे
मनचलो को मितली आ जाती हैं,
चलते चलते रास्ते पे
जब तितली आ जाती हैं !
कहते एक ही नज़र पे
तेरी सूरत बेमिसाल हैं,
तेरी भोली सी सूरत पे
सैंकड़ो जां निसार हैं !
अजनबी भी ख़ुद की आह पे
आंख मिला लेता हैं,
कुछ दूर से ही मुखरे पे
प्रेम की अटकले लगा लेता हैं !
पास आने पे
मासूमियत दिखा देता हैं,
संक्षिप्त परिचय पे
अपना रंग ज़मा लेता हैं !
तेरी भोली सी सूरत पे
सैंकड़ों जा निसार हैं,
कहते एक ही नज़र पे
तेरी सूरत बेमिसाल हैं !

