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Maitry Bhandari

Romance

3  

Maitry Bhandari

Romance

तेरी राह

तेरी राह

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तकती रही खिड़की पर बैठ कर रस्ता पे

आया ना तू एक बार भी अपनी झलक दिखाने।


तकती रही अपने मोबाइल को घंटों तक

पर तेरे नाम की एक भी घन्टी ना बजी।


संजोती यादों को और झूठी तसल्ली दी खुद को

कि तू आकर नई यादें बनाएगा।


वक्त की तरह तू भी बढ गया अपनी राह पे

और पल पल मरती रही मैं तेरे प्यार में।


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