तेरी नज़र
तेरी नज़र
झुकी झुकी सी तेरी नज़र ने,
वो कयामत है आज ढाया।
जमाने से मेरे सवालों का,
मैंने जवाब है आज पाया ।
बड़े करीने से सजा रखा है,
दिल ने सभी अरमानों को।
बा ख़ुदा हौले से बहक जाता है,
देखकर तेरी इन अदाओं को।
जो तेरे मासूम रुख्सार मुस्कुराए तो,
सोचते हैं कि हाले दिल क्या होगा।
गर तूने जो कभी नज़र मिलाई तो,
दिल का पैमाना ही छलक जायेगा।
जो तेरी नज़र-ए-इनायत हो जाए तो,
जिन्दगी के सारे गिरह खुल जायेंगे।
साँसे चलती रहेंगी, दिल धड़कता रहेगा,
जब तलक चिराग वफ़ाओं के तेरे जलते रहेंगे।

