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Ajay Gupta

Romance

4  

Ajay Gupta

Romance

तेरी मुस्कराहट

तेरी मुस्कराहट

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कालेज के मोड़ पर मिलती थी जब भी 

हंस कर तुम भी तो मुस्कराती थी. 

और क्या क्या बुन लेते थे हम 

भूल कर सब बात

नासमझ थे हम इतने 

या नासमझ हैं आज 

उन भूली बातों को जो याद करते हैं 

मुस्कराते हैं हम अपने आप पर 

वही सामने आज फिर है 

वहीं कालेज का मोड़ 

वहीं तेरी मुस्कराहट 

और मेरा मेरा क्या क्या बुन लेना 

पर आज कोई नहीं है 

बस तेरी मुस्कराहट है.. 


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