तेरी मोहब्बत
तेरी मोहब्बत
कुछ अल्फाज कहने थे तुमसे
होंठों पर आकर रुक गए
कहना तो चाहते थे बहुत कुछ हम
पर लबों पर आते-आते बात रुक गई
इश्क हमारा सच्चा है
आजमा रहे हो तुम क्यों
हम तो डूब गए हैं ,
निकलना मुश्किल है
तेरी याद जाती ही नहीं
कुछ अल्फाज कहने दे
होंठों पर आकर रुक गई !