STORYMIRROR

anamika khanna

Children Stories Classics Fantasy

4  

anamika khanna

Children Stories Classics Fantasy

नटखट कान्हा

नटखट कान्हा

1 min
284

नटखट कान्हा आए हैं

मोर मुकुट माथे पर सजे

 हाथ में बांसुरी

 चंचल नैन


 आंखों में काजल

 कान्हा मंद मुस्काए है

 मैया यशोदा के दुलारे

 नन्हे नन्हे पांव से कर रहे अठखेलियां


लीला से सबका मन लुभाए है

कृष्ण कन्हैया रास रचैया

 गोपियों के मन भाए हैं

बाजे ढोल मृदंग है


कान्हा देखी इतराए है

सारे जग के रचयिता

देखो कान्हा आए हैं।


Rate this content
Log in