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anamika khanna

Romance Fantasy

4  

anamika khanna

Romance Fantasy

धुंधली शाम

धुंधली शाम

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यह धुंधली शाम यह हवाओं का झोंका,

डूबते सूरज की किरणें

ढलता सवेरा, सागर की लहरें

याद तेरी दिलाती है

तू कहीं तो है

यह शाम कह कर जाती है!


तू जहां भी है कहीं भी है

तेरी बातें याद आती है

हर शाम तेरी यादों में ही जाती है

वह ढलता सवेरा याद तेरी दिलाती है

हवाएं की जो कि मुझे जब छू जाती है

इन तनहाइयों में तू कहीं तो है

यह हवाएं मुझसे कह कर जाती है


वह धुंधली सी शाम

बस याद तेरी आ जाती है

बारिश की बूंदें ,

कुछ याद मुझे दिलाती है

तू यही मेरे पास है

बस यह कह कर चली जाती है!



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