तेरी मोहब्बत में
तेरी मोहब्बत में
तेरी मोहब्बत में हम एक गुनाह कर बैठे
जिंदगी को मेरी अब तेरे नाम कर बैठे।
तूने सिखाया मुझको जिंदगी का मतलब
तूने बताया मुझको क्या है ये मोहब्बत।
चाहत का इजहार हम सरे आम कर बैठे
तू ही आस है अब तू ही सब कुछ हमारा।
तेरे बिना बता कैसे हम जियेंगे दोबारा
तेरे ही कहने पर ये सारा काम कर बैठे।
चेहरे के ऊपर जाने अब चेहरे कई है
पाया मैंने यही कि तू उनमें से नहीं है।
एक इसी बात पर सारा मुकाम बदल बैठे।
दुनिया क्या जाने हमने ये क्यों है किया।
लाखों करोड़ों में बस तेरा साथ क्यों दिया
अनजाने दुनिया में कुछ पहचान कर बैठे।
राहों में उलफत के मिलते पहरे कई है
लोग क्या जाने क्या गलत और सही है।
शायद कल हम दुनिया को गुलाम कर बैठे।।