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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Action Inspirational

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Action Inspirational

तेरी मेरी इक जिंद ड़ी

तेरी मेरी इक जिंद ड़ी

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 रास्ते मुड़ गए रास्तों पर अगर 

ढूंढ लूँगा सखी मैं नई फिर डगर। 

तुझसे जाऊँ कहीं बीच में जो बिछड़ 

तू न देना भुला, तू न देना भुला। 


मंजिलें तो रहेंगी आसमां भी रहेगा। 

धरती के साथ साथ 

सबका वास्ता भी रहेगा। 

तू न देना भुला तू न देना भुला। 


थक गया हूँ बहुत 

कुछ कुछ टूटा भी हूँ। 

करी थी कोशिश हजार 

बिखरा बार बार। 

क्या करूँ क्या करूँ क्या करूँ।।

तू न देना भुला तू न देना भुला 


आईना तो नहीं, देख लूँ भविष्य को 

जी रहा हूँ प्राण पण से यहाँ 

वर्तमान का और कितना करूँ सामना 

तू न देना भुला तू न देना भुला तू न देना भुला 


रास्ते मुड़ गए रास्तों पर अगर 

ढूंढ लूँगा सखी मैं नई फिर डगर। 

तुझसे जाऊँ कहीं बीच में जो बिछड़ 

तू न देना भुला , तू न देना भुला। 


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