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Poonam Bagadia

Drama

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Poonam Bagadia

Drama

"तेरी-मेरी दोस्ती"

"तेरी-मेरी दोस्ती"

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ओए सुन प्याज के छिलके

भूल गया, क्या वो दिन कल के


फर्स्ट बेंच पर भी जिगरा था, अपना

बातें करना, वो लिख के


सब्ज़ी के नामों की, वो बौछारें

अबे गोभी के फूल, याद आती है,

होठों पे मुस्कान बन के।


वो दोस्ती की घड़ियां, वो उम्मीदों की रातें

बुलाती है, तुझको फिर वही बातें

भूली सी यादें बंधी है, संग तुझसे उस पल के

तेरे बिन आज भी आँखें हैं छलके।


तेरी-मेरी दोस्ती के निशां,

आज भी बाकी है

देख तेरा नाम जुड़ा है,

साथ तुझसे मेरा दिल बनके।


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