तेरी कहानी, मेरी जुबानी
तेरी कहानी, मेरी जुबानी
तुम्हारी जुबां से अगर मैं सुनूं,
तो हर शब्द एक गुरबाणी है,
और जब तुम डांट देती हो,
तो वो एक सीख बन जानी है।
तू ही प्रथम गुरु,
तू ही पहली दोस्त ,
तू ही पहली भगवान,
माँ तू है बड़ी महान।
हाँ दुखाते हैं तेरा दिल सब,
वो तेरी ममता के काबिल नहीं हैं,
उनमे से एक मैं भी हूँ,
पर तू है की सब भूल कर आगे बढ़ जाती है।
और क्या कहें तेरे बारे में,
कभी शब्द नहीं मिलते,
कभी कागज़ कम पड़ जाता है,
माँ, तू आदि से अंत तक की कहानी है।
