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Abhinav Chaturvedi

Abstract Children Stories Others

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Abhinav Chaturvedi

Abstract Children Stories Others

तेरे होने से

तेरे होने से

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तेरे होने का कोई गम नहीं है,

और ना घर पे पिटाई का डर है,

जब मम्मी पूछती है और कौन फेल हुआ,

तो तेरा ही नाम लेती है ज़ुबान।


पर साला तेरे चक्कर में कितनी गाली है खायी यार,

पापा ने भी बोल दिया – तेरे सारे दोस्त हैं बेकार,

जैसे भी हो तुम लोग, यार हो अपने बचपन के,

और मस्तीखोर तो हैं हम जनम-जनम से।


पर कुछ भी कहो, तुम सब दोस्त हो खास,

कभी भी नहीं होने देते उदास,

छुट्टी पे जब भी दादी/नानी के घर होता जाना,

बस अपनी दोस्ती के ही किस्से होता सुनाना।


तुम जैसे भी हो, यार हो सच्चे,

मैं भी बच्चा, तुम भी बच्चे,

बस ऐसे ही चलती रहे अपनी यारी,

और निकल जाए मस्ती में ज़िन्दगी सारी।


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