STORYMIRROR

Abhinav Chaturvedi

Abstract

3  

Abhinav Chaturvedi

Abstract

आईने झूठ बोला करते हैं

आईने झूठ बोला करते हैं

1 min
273

लोग अक्सर बोला करते हैं,

की आइने  सच बोला करते हैं,

पर मैं बोलता हूँ,

आइने  झूठ बोला करते हैं 


वह लोग जो अंदर से चिल्ला रहे हैं,

लेकिन आइने में देखकर मुस्कुरा रहे हैं,

आइना वह मुस्कराहट दिखाता हैं 

क्यूंकि वो झूठ बोलता हैं


वोह लड़कियां जो मेकअप कर रही हैं,

बाहरी खूबसूरती  के लिए,

यह बाहरी खूबसूरती दिखाता हैं, अंदर की नहीं,

क्यूंकि  वो झूठ बोलता हैं,


सब लोग बोलते हैं,

इंसान की सूरत नहीं सीरत देखनी चाहिए ,

पर फिर भी आइना सूरत दिखाता हैं सीरत नहीं,

क्यूंकि  वो झूठ बोलता हैं,


आइना सिर्फ शहिवाख़् दर्पण हैं,

यह वही दिखाता हैं,

जो इंसान देखना चाहता हैं,

और कोई इंसान सच नहीं देखना चाहता 


इसलिए जब लोग बोलते हैं,

की आइने सच बोलते हैं,

तब मैं बोलता हूँ,

आइने झूठ बोलते हैं 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract