Abhinav Chaturvedi

Abstract Others

5.0  

Abhinav Chaturvedi

Abstract Others

आईने झूठ बोलते हैं

आईने झूठ बोलते हैं

1 min
763


लोग अक्सर बोला करते हैं,

की आईने सच बोला करते हैं,

पर मैं बोलता हूँ,

आईने झूठ बोला करते हैं 


वह लोग जो अंदर से चिल्ला रहे हैं,

लेकिन आईने में देखकर मुस्कुरा रहे हैं,

आईना वह मुस्कराहट दिखाता है

क्योंकि वो झूठ बोलता है


वो लड़कियाँ जो मेकअप कर रही हैं,

बाहरी खूबसूरती के लिए,

यह बाहरी खूबसूरती दिखाता है,

अंदर की नहीं,

क्योंकि वो झूठ बोलता हैं,


सब लोग बोलते हैं,

इंसान की सूरत नहीं सीरत देखनी चाहिए ,

पर फिर भी आईना सूरत दिखाता है 

सीरत नहीं,

क्योंकि वो झूठ बोलता है,


आईना सिर्फ शहिवाख़् दर्पण है,

यह वही दिखाता है,

जो इंसान देखना चाहता है,

और कोई इंसान सच नहीं देखना चाहता 


इसलिए जब लोग बोलते हैं,

की आईने सच बोलते हैं,

तब मैं बोलता हूँ,

आईने झूठ बोलते हैं


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract