तेरे रूप का पहरा
तेरे रूप का पहरा
चला जब तेरा नैनो का जादू
दिल मेरा हो गया बेकाबू
सुखचैन जो मेरा छीना
गिले-शिकवे का अब नही रोना
क्योंकि तेरे नैनो का जादू है सलोना
जिस मे मेरे दोनो जहां का है बसेरा
जहाँ खिलता है तेरा कमल सा चेहरा
बिठा दिया तुने अपने रूप का पहरा
तेरा ये पहरा समुंदर से भी गहरा
डूब के रह गया नादा दिल मेरा!

