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Kalyani Nanda

Romance

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Kalyani Nanda

Romance

तेरे इंतज़ार में

तेरे इंतज़ार में

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गर्मी के मौसम में,

झुलसती रही मैं,

सावन ने भी खूब मुझे भिगोया,

अब तो वसंत के बहार भी है,

उन वसंत के बहारों में,

मैने तेरे प्यार को ढूँढा,

पर तू ना आया, तू ना आया।


पतझड़ ने भी मुझे बहुत रुलाया,

फूलों के बहारों ने भी बहुत

दिल दुखाया,

चाँद की चांदनी में भी,

तेरे प्यार के लिए बहुत तरसी,

पर तू ना आया, तू ना आया।


ये जिन्दगी के रास्ते,

कभी खत्म ना हुए,

वक्त के हर दस्तक पर ,

मेरे दिल के धड़कनें बढ़ती गयी,

तेरी राह तकते तकते ,

मेरे चाहत के फूल मुरझा गए,

पर तू ना आया, तू ना आया ।



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