तेरे बिन
तेरे बिन
तेरे बिन यू लगे बे वजह जी रहा,
इक जहर जिंदगी का सनम पी रहा।
तेरे बिन ओ सनम जिंदगी कुछ नहीं
जिंदगी ही नहीं बंदगी कुछ नहीं।।
तेरे बिन चांद ये अजनबी सा लगे,
आफताब तेरे संग शबनमी सा लगे।
सर्द हवाएं मुझे अब जलाने लगी,
मेरी आहें तुम्हें खुद बुलाने लगी।।
हर दुआ बस तेरी इल्तजा कर रही,
मेरी साँसें सनम तेरी जां बन रही।
जुस्तजू तू मेरी, आरज़ू तू मेरी,
इन सितारों से आ मांग सवारूँ तेरी।।
मेरा हर ख्वाब तेरे बिन बस अधूरा रहा
इक जहर जिंदगी का सनम पी रहा।

