STORYMIRROR

Reena Tiwari

Tragedy Fantasy Others

4  

Reena Tiwari

Tragedy Fantasy Others

तारे

तारे

1 min
398

आज भी मेरे दोस्त तारे-सितारे हैं

बोलते कुछ नहीं बस सुनते हैं मुझे

प्यार से मुस्कुरा दु उनकी तरफ़ तो

टिमटिमा के साथ होने का अहसास दिलाते हैं मुझे


शुकून चाहो तो कभीं अकेले में मिलना उनसे

अपनेपन का सा विश्वास जताते हैं हमें ॥

दुनिया की रीत ना समझ सके हर कोई

एक अलग दुनिया में बुलाते हैं मुझे ॥


यहीं तो स्वर्ग यही तो मेरा परिवार हैं

इतनी सी बात सबको जताते हैं यें॥

बस प्यार बाटना आता हैं इन्हें

अपने में ही टूट कर सिमट जाते है ये॥


कोई और नहीं अपने ही है ये तारे 

पूर्वज कहलाते हैं ये नभ के तारे॥


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy