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कुमार जितेन्द्र जीत

Children

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कुमार जितेन्द्र जीत

Children

सवेरा

सवेरा

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हुआ सवेरा, हुआ सवेरा !

उठो बच्चों, हुआ सवेरा।


कुकड़ू कू की, धुन लगाए मुर्गा बोला !

उठो बच्चों, आलस त्यागो, हुआ सवेरा!!

ची - ची करती, छोटी सी चिड़िया बोली !

उठो बच्चों, आंखे खोलो,, हुआ सवेरा।


हुआ सवेरा, हुआ सवेरा !

उठो बच्चों, हुआ सवेरा।


तन को स्पर्श करती, मंद - मंद हवाएं चली !

प्रकृति की रंगीन मुस्कुराहट से, हुआ सवेरा।

उठो बच्चों, बड़ो बुजुर्गों के चरण स्पर्श करो ! 

आशीष-शुभाशीष से,सवेरे की शुरुआत करो!!


हुआ सवेरा, हुआ सवेरा !

उठो बच्चों, हुआ सवेरा।


बच्चों उठो, जागो और दौड़ लगाओ ! 

सवेरे में, अपने तन को स्वस्थ बनाओ।

आओ बच्चों, प्रभात वेला में योग करे !

तन - मन को, एक पल शांति प्रदान करे।


हुआ सवेरा, हुआ सवेरा !

उठो बच्चों, हुआ सवेरा।


किसान प्रभात वेला में, घर से कदम बढ़ाए !

हल को तैयार करके, खेतों में अन्न उगाए।

कठोर कदमों से करते, संघर्षों का सवेरा ! 

अन्न को थाली में पहुंचाते, किसान हमारे !


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