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कुमार जितेन्द्र जीत

Abstract

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कुमार जितेन्द्र जीत

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वतन हमारा

वतन हमारा

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रिश्ता वतन से है, मजबूत हमारा

प्राणों से अतिप्रिय है, वतन हमारा


 तीन रंगो का ध्वज है तिरंगा, सबसे प्यारा

 त्याग, शांति और हरियाली देता,तिरंगा हमारा


 जल, थल और नभ से तैयार है, वतन हमारा

 वीर जवानों की रक्षा से, मुस्कुराएँ वतन हमारा


रिश्ता वतन से है, मजबूत हमारा

प्राणों से अतिप्रिय है,वतन हमारा


 भिन्न - भिन्न धर्मों का है, वतन हमारा

 एकता का परिचय देता, वतन हमारा


 भिन्न - भिन्न त्योहारों का है, वतन हमारा

 संस्कृति से परिपूर्ण है, वतन हमारा


 रिश्ता वतन से है, मजबूत हमारा

  प्राणों से अतिप्रिय है, वतन हमारा


 भिन्न - भिन्न भाषाओं का हैं, वतन हमारा

 सुमधुर भाषाओं से प्रिय हैं, वतन हमारा


 भिन्न - भिन्न नदियों का है, वतन हमारा

 जल की धाराओं से गूंजे, वतन हमारा


रिश्ता वतन से है, मजबूत हमारा

प्राणों से अतिप्रिय है, वतन हमारा।


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