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Akhil Mishra

Romance

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Akhil Mishra

Romance

सूनेपन में गाती

सूनेपन में गाती

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अमावस सी जिंदगी में चाँदनी हो,

सूनेपन में गाती तुम एक रागिनी हो !


तुम चंचल, निश्छल, निर्मल मन,

परिमल, स्नेहिल और कोमल तन,

उत्साहरहित धूमिल जीवन,

प्रेरित है तुमसे हर क्षण क्षण

तन्हाई के असीम सरोवर में


तुम एक शुभ्र हंसिनी हो !

सूनेपन में गाती तुम एक रागिनी हो !


प्यार भरा अनुपम ह्रदय

अनुराग लुटाने को आतुर है,

और ये तेरे अम्बुज कर

निस्सीम मदद को तत्पर है

परछाईं भी साथ रहे न जब


तब तुम्हीं एक संगिनी हो !

सूनेपन में गाती तुम एक रागिनी हो !


अपने निश्चय में दृढ प्रतिज्ञ,

अपनी बातो पर तुम अडिग,

अपने अकाट्य तर्कों से,

कर देती हो मुख बंद क्षणिक,

भोली भाली पर उत्साही


यामिनी में भी तुम रोशनी हो !

सूनेपन में गाती तुम एक रागिनी हो !


तुम राधा जैसी मतवाली हो,

मीरा जैसी दीवानी हो,

प्रेम में आहुति करने वाली,

स्नेह में बड़ी सयानी हो ,

प्रेम में जीनेवाली, घुटनेवाली,


प्रेम की तुम जोगिनी हो ! 

सूनेपन में गाती तुम एक रागिनी हो !

 

अमावस सी जिंदगी में चाँदनी हो,

सूनेपन में गाती तुम एक रागिनी हो।  


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