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Sukant Suman

Tragedy

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Sukant Suman

Tragedy

सुशान्त की यादें

सुशान्त की यादें

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उस हँसी के पीछे भी बहुत कुछ ;

छिपा रखा था जनाब।।

गर इक तलक देख लिया होता ,

झाँक कर उसके दिल में ,

तो जरूरत नहीं परती ;

उन फाँसी के फंदे की।।


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