सुनो
सुनो
पहले भी पार हुए हैं
कई पत्थर इस सीने से
पहले भी गोदी गयीं कई नफ़रतें
इस जीवन की किताब पर
पहले भी आए कई मौके
नाज़ुक हड्डियां उड़ गयीं हवाओं में
टिक कर खड़ी हूँ, जैसे खड़ी थी हमेशा
ईश्वर से वार्तालाप का वो अंश
तुम्हें कैसे सुनाऊं
जिसकी कोई रिकॉर्डिंग नहीं होती
हमारी बातचीत बहुत पुरातन है
स्क्रीनशॉट में उसके धागे नहीं फँसते
सुनो, मेरी हँसी बड़ी अनमोल है
मेरा हौसला सुदृड़
उसे छीन नहीं सकता कोई जाने अनजाने
तुम कोशिशें सब कर लेना
छूटेगी नहीं ये सांसें
जहां तक तुम्हारी हँसी गूंजे
वहां तक कसते रहना तंज़
हृदय की पवित्रता को तुम
बेशक़ बेवक़ूफियाँ मान लो
तुम कोशिश तो करो,
एक दफा मिटाकर देखो
नहीं मिटा पाओगे मेरी हस्ती