रंग भरी दुनिया
रंग भरी दुनिया
गुलाल - लाल, हरा, पीला और अनगिनत
एक दिन का प्रयास - रंगों का यह दंगा।
जीवंत की भीड़ यहाँ और वहां दौड़ रही
कभी लट्ठ माड़ , कभी फूलों की बौछार
कभी अंगारों पर चलना निभई रीत
ढोल नगाड़े , लुभाये लोक संगीत
धुल जाते मन की निराशा
क्या पाओगे करके उनकी उपेक्षा
रंगों का है ये चमत्कार , हो जाओ हर्षित
चमक और उल्लास से भरा दिन,
हमारे सपनों को धूमिल करने के लिए एक
आसुओं को रंगने का अनोखा पल
इंद्रधनुष जैसे धरती पर मुस्काये
जीवंत उन्माद रंगों की बौछार के साथ।
होली है! अबाध आनन्द और उल्लास का झरना!