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shruti chowdhary

Abstract

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shruti chowdhary

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हॉप

हॉप

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मैं आकाश को 

सकारात्मक विचारो 

वे रंग दूँ 


अमंगल बादलों 

को सुन्दर 

गुलाबी रंग 

में रूपांतर कर दूँ 

स्नो-व्हाइट और

बेबी नीला से 

छिरकाव कर दूँ 


मैं

अपना भरोसा 

बेहतर 

दिनों के 

स्वागत के लिये 

संजो कर रख लूँ 


कोई 

घातक वाइरस,

धमकी न दे 

मेरी कीमती

जिंदगी को 


जहाँ पे

हंसी

हर किसी के 

बगीचे में

खिलती है

जहाँ

आलिंगन और

चुम्बन

निडर होकर .

अंकुरित होते है 


धैर्यपूर्वक

इंत

जार करती हूँ 

भगवान के 

कृपालु समय का 

फिर से 

मधुर सपने 

पनपने दे 

मनुष्य के 

सोने से पहले 


आशा की किरण 

चमकती है 

यहाँ तक की 

अँधेरी रातों में 


प्रेमियो बेखबर

गले लगाए 

स्पर्श करें 

बच्चे 

सुरक्षित रूप से

बाहर खेले 

मिटटी में 

मैले होकर 


सब मिलकर 

एक साथ 

हाथ थामकर 

आसमान को 

इंद्रधनुष

विचारो से 

भर दें 


हमारी 

मां

पृथ्वी को 

फिर से 

प्राकृतिक बना दें।


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