" नीरज" को चाहत है सिर्फ प्रेम- रंग की, भूलूँगा कभी न एहसान तुम्हारा। " नीरज" को चाहत है सिर्फ प्रेम- रंग की, भूलूँगा कभी न एहसान तुम्हारा।
फागुन में झूमे तन मन, जग को मिले नया जीवन। फागुन में झूमे तन मन, जग को मिले नया जीवन।
ग्रीष्म ऋतु की आहट आयी चारों और बस यही है छायी होली आयी होली आयी! ग्रीष्म ऋतु की आहट आयी चारों और बस यही है छायी होली आयी होली आयी!
जीवंत उन्माद रंगों की बौछार के साथ। होली है! अबाध आनन्द और उल्लास का झरना! जीवंत उन्माद रंगों की बौछार के साथ। होली है! अबाध आनन्द और उल्लास का झरना!
तन पुलकित, मन हर्षित, मौसम ने भी ली अंगड़ाई। तन पुलकित, मन हर्षित, मौसम ने भी ली अंगड़ाई।
होली मिलन की छवि निराली, लुटाते खुशियाँ अपरम्पार।। होली मिलन की छवि निराली, लुटाते खुशियाँ अपरम्पार।।