सुन्दर पांव
सुन्दर पांव
खून से लथपथ किनारे सड़क के,
लोगों से घिरा कोई गिरा पड़ा,
धूल भी लिपटी चेहरे पर
लाल रंग के साथ।
दूर से खड़े खड़े सलाह देते सभी,
गंदे कौन करे अपने हाथ।
कोई गरीब है बेचारा,
अभी चल रही है सांस,
पुलिस आकर ले गई
चलती फिरती लाशों से,
खून मिट्टी से लिपटी लाश,
चादर से बाहर झांकते ,
जिस के सुंदर पांव ।
चल सकते थे अभी हम
थोड़ा सहारा दिया होता,
किसी ने बस इतना किया होता ,
शिकायत करते खामोशी से ,
बेजान सुंदर पांव।