Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

rk sharma

Tragedy

3.4  

rk sharma

Tragedy

समय की पुकार

समय की पुकार

1 min
315


         

एक शब्द कोरोना, अनेक भाव से भरा हुआ,

कराह, डर, दर्द और मौत से भर हुआ।


सड़कें तरसे कदमों की आहट,

सभी पशु – पक्षी भी हैरान है,

घर -घर में छिपा डरा इंसान है।

सुनसान गली भी यू लग रही है ,

जैसे ये अब शहर नहीं श्मशान हैं।


हवा ना चलती अब सर सर,

चिड़ियों की कूक भी कुछ कम हुई

ख़ामोशी इंसानों की देख कर,

इनकी भी आँखें भी नम हुई।

भौर आमों के वृक्ष पर लगा है ,

कैसे बिखेरे अपनी मद सुगंध को।


बंद हुए इंसानों के नासिका पुट,

कैसे पहचाने वें इनकी गंध को।

अब ना बजती मंदिर की घंटीयाँ ,

न सजते भगवान, न चढ़ते फूल।

क्यों प्रकृति नाराज़ हो गयी,

क्या इंसान से हुई है बड़ी भूल।


किसने किया प्रकृति से खिलवाड़,

खोल दिए विपत्ति के किवाड़।

बंद करो दरवाज़े सभी अपने घर के ,

अपने कदमों की बढ़ती गति रोक लो।

नादानों को समझा कर उन्हें टोक लो’

आज की स्थिति में यही सही विचार ,

“राज” कोरोंना से मुक्ति पाने का उपचार।


               


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy