सुना था
सुना था
ये चमत्कार नहीं तो क्या है
नकारात्मकता का हर आयाम
हिल रहा है
मनुष्यता में विश्वास बढ़ रहा है
अजीब सी आग है
जीवन के आधार को
छिन्न भिन्न करने वाली
हर अवांछनीय को
जला रही है।
सुना था भ्रम धुंआ सा होता है
और महसूस हो रहा कि
स्पष्टता भी धुंआ सी है।