तुम्हारी याद
तुम्हारी याद
तुम्हारी याद सी
झमाझम बरसती हुयी
आज की ये गुलाबी सुबह।
तुम्हारी तरह चमत्कृत कर
रही है।
सुना था सुबह रंग देती है
अपने रंग में दुनिया को
लोग जाग जाते हैं और
निकल पड़ते हैं
अपने अपने काम में
चारो तरफ चहलपहल होने
लगती है।
कितनी दिलचस्प है
आज की होती हुयी सुबह,
कुछ है ही नहीं इसके सिवाय
सब रंग उठा है इसी के रंग में।
जीवन की सक्रियता
ठकुवाइ हूयी है
गीत,संगीत
शोर शराबा
दुनिया मे चल रहे युद्ध से
निकलती हुयी
धमाकों की आवाज
चीख पुकार
सब फ्रीज हो गयी है
तुम्हारी आवाज में।
बस एक तुम्हारा रंग है
एक तुम्हारी आवाज है
और हर रूप में
बस तुम्हारा रूप है।