सुन पगली..!
सुन पगली..!
सुन पगली..!
प्यार
दुलार
संरक्षण
संभाल
अपनापन
ये सब तो ठीक है
पर..
तुझसे विवाद करने का
अलग ही मज़ा है
कुछ दिखावा नहीं इसमें
क्या समझी..
तो अगली बार
ना प्यार
ना दुलार
केवल और केवल
बकवास और
बेबात का विवाद
ह्ह्ह्.! ह्ह्ह्..! ह्ह्ह्..!!!
इतना ही नहीं
तू मेरी जान है रूह है मेरी,
साँसें तुझसे ही चलती हैं
पिछले जन्म की कुछ
जान पहचान है तेरी मेरी..!
