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Nandita Majee Sharma

Abstract Inspirational

3  

Nandita Majee Sharma

Abstract Inspirational

सुन लो पुकार

सुन लो पुकार

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201

मातारानी-सुन लो पुकार

हे मां भवानी, पावागढ़ की रानी

सौम्य, सुंदर, जग-जननी कल्याणी,

तुम हो श्याम-सुन्दरी, चंचला रुपा,

तुम गौरी गायत्री, तुम ही शक्ति-स्वरूपा,


जग का पाप हरो, हे मां जगदम्बा,

तुम हो दयालु, मृग नैनों वालीअम्बा,

लाल चुनर में, तुम सजती शेरावाली,

पाप देख रुप, धरती हो महाकाली,


आती धरा पर, बनकर तुम रणचंडी,

नाश करती हो, जब बढ़ते धूर्त-पाखंडी,

तुम हो निषछल प्रेम की सच्ची मुरत,

भोली-भाली तेरी काया, भोली तेरी सुरत,


तेरी कृपा से मिलती सांसें, बहती है धारा,

तेरा रुप अद्भुत, आलौकिक, दर्शन है न्यारा

दोउ हाथ जोड़कर, करूँ मां तुझसे वंदन,

अपने स्नेह आशीष से, पावन कर दो जीवन।



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