सुकून से
सुकून से


सुकून से रास्ते कट रहे
सुकून से जिंदगी कट रही
बस सुकून यह मुझे की
आपके आने से जिंदगी में
सुकून से सांसे चल रही !
आप आओ सुकून से
मेरे ख़्वाब में
आप आओ सुकून से
मेरी स्मृतियों में
हमारी दास्तां
लिखा जाए सुकून से
आप आओ जिंदगी में मेरी
सुकून से
जब तन्हाई में रोते हम
जैसे लगता तन्हाई में
तड़पती ए जमीं
इस तन्हाई के दर्द को
बादल समझता है बस !
धूप और छांव में
हम ऐसे घिरे
जिंदगी के नाव में
हम ऐसे बैठे
जैसे किनारे की न
कोई आस हो !
कोई शिकवा हो न हमें
कोई शिकायत न हो हमें
हमारी दास्तां ऐसी हो
जिसकी दुनिया मिसाल दे !
आओ जिंदगी को हम
ऐसे जिए
एक नई दास्तां हम लिखें
दुनिया की जहां फ़िक्र न हो
एक दूसरे के हाथों को थाम हम ले !
आइए जिंदगी में सुकून से !