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Dr. Madhukar Rao Larokar

Classics

3.4  

Dr. Madhukar Rao Larokar

Classics

सुखी परिवार

सुखी परिवार

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सुखी परिवार, समृद्ध परिवार

रहते जहाँ साथ,संयुक्त परिवार।

सुख दुख में, हर पल साथ रहते

अपनेपन का सुख, भागते परिवार।


रहता एक दूजे से, घनिष्ठ लगाव

रिश्ते जज्बात से,ओतप्रोत रहते सदा।

निभाने रिश्ते, परिवार रहता तैयार

चाहे जितने त्याग, करने हो सदा।


समय का चक्र ,कभी रहता

बड़ा ही निर्दयी जिंदगी उजाड़ कभी।

पर मजबूती से थामे रहते एक

दूजे का हाथ, साथ ना छोड़ते कभी।


कहते हैं, समय के साथ लगाव

कम हो जाता है परिवार में।

पर जहाँ बुढ़े मां बाप हो

वहीं देव का वास, होता परिवार में।


बचपन की बातें, अभाव की रातें

भी भूलती नहीं, परिवार में।

आंधी तूफां में वही दरख्त खड़े रहते

जहाँ मजबूती से जड़ से जुड़े

रहते अपने परिवार में।


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