सुबह
सुबह
मेरी सबसे खूबसूरत सुबह थी
जब मेरा चांद मेरी खिड़की पर था
वो उसकी हल्की रोशनी का
मेरी आँखें पर गिरना
और मेरा बड़े प्यार से अपनी आंखें मलना
और फिर उसे तकते रहना
कुछ कहना था शायद उसे मुझसे
मगर जाने क्यों कुछ चुप सा था खुद से
उठकर उसको देखना मेरा
ये था उस सुबह का पहला काम मेरा।