सतरंगी स्याही
सतरंगी स्याही
मेरी स्याही सतरंगी है
काला रंग इसका महज़ अतरंगी है
मेरे शब्दों की गहराई को बतलाता है
उनमें छिपे राज़ समझाता है
वो राज़ जो दफन है सीने में
उतारे ये उन्हें पन्नों में।
मेरी स्याही सतरंगी है
आंख के काजल सी गहरी काली
शब्दों में बसकर बने निराली
होंठों को सीकर, आंखें बयां करे
शब्दों संग पन्नों पर ये अठखेलियां करे
कुछ ऐसी प्यारी स्याही मेरी है।
मेरी स्याही सतरंगी है
शिकवा इतना सा है
वो स्याही के रंगों से खेलते है
और हम स्याही में शब्दों को उड़ेलते है
वो इसके रंग में बसते है
और हमारे शब्दों को भूलते है।
