स्त्री
स्त्री
अधूरी है कहानी बिना किसी पात्र के,
अधूरा है मस्तिष्क बिना दिमाग के,
अधूरी है आस्था बिना विश्वास के,
अधूरा है पेड़ बिना फूल के,
अधूरा है रास्ता बिना राहगिरों के,
अधूरा है इंसान बिना किसी लक्ष्य के,
अधूरा है जीवन बिना जगजन्नी के,
अधूरा है पुरूष बिना पत्नि के,
अधूरी है बेटी बिना माँ के,
अधूरी है रामायण बिना सीता के,
अधूरा है सब कुछ बिना त्याग के,
अधूरा है संसार बिना स्त्री के,
पूरा है युग,अगर है ,
नारी, महिला, स्त्री, बेटी, और बहन...