STORYMIRROR

Khanak upadhyay

Inspirational

3  

Khanak upadhyay

Inspirational

मेरे गुरु - गूगल के समान...

मेरे गुरु - गूगल के समान...

1 min
333

शब्द भी कम पड़ जाते हैं,

जब बात गुरूओं की आती है,

माँ के बाद तो जीवन का सही मूल्य वही सिखाते हैं,

पैरों के बल चलने के बाद गिरना भी वही सिखाते हैं,

शिक्षक दिवस के दिन उन्हें कोई तौहफा नहीं चाहिए होता है,

उन्हें तो बस सी ए की डिग्री हाथ में पकड़ा हुआ विद्यार्थी चाहिए होता है,

ऐसे ही हजारों शिक्षक मिले है मुझे आज तक,

चाहे वो लिविंग हो या नन लिविंग हो,

आज मैं ज्ञान के भंडार से पूरी भीग चूकी हूं,

समुद्र में छलांग लगाने के लिए तैयार हूं,

इसलिए आज उन शिक्षकों को,

मैं पुष्प दूं, या फूलों का हार दूँ...

थैंक यू टीचर आप मेरे लिए,

सही दिशा दिखाने वाले गूगल हो !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational