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Khanak upadhyay

Others

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Khanak upadhyay

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भगवान से प्रेरित होकर..

भगवान से प्रेरित होकर..

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क्यूँकि इतने सारे रंग ढूँढे है,

भगवान को ढूँढने में, जब खाना पूरा खा लिया,

तो वो ऊर्जा रगों में कौन लाता है,

मेरा भगवान, मेरे अंदर का भगवान ।


जिसे अब चमकना आता है,

वक्त पर भगवान भी बनना,


स्माइल

यही तो है भगवान के होने का सबूत,

तो इसे हमेशा के लिए संभाल के रखो,


एक गिफ्ट भगवान को,

अपने अंदर जो बसा है, 


इसका होना बहुत जरूरी है,

जब सब घायल हो गए हो,


सोचो मत.. भगवान सच में है,

एक ही पल में सब जगह है,

आँखे बंद करो महसूस करो,

बस हो गया..


आसान है ना,

सब कुछ सच बताना, कितना आसान है,

फिर अगली बार ये झूठ नहीं,

कि सीरीयल में भगवान है,


जब सवेरा हो आँखे खुले वो रोशनी में,

सब भगवान का जरिया है बस उम्मीद है उम्मीद में.



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