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Khanak upadhyay

Inspirational Children

3.4  

Khanak upadhyay

Inspirational Children

एक कविता, नन्हें-मुन्नों की देशभक्ति पर...

एक कविता, नन्हें-मुन्नों की देशभक्ति पर...

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कितना आनंद मिलता है, जब बच्चें हाथों में तिरंगा लेकर घूमते है,

पता नहीं पड़ता ये क्या है उन्हें, पर देश रंगीला-रंगीला पर

डांस कर बहुत खुश होते है,

हां, ये देश है मेरा ,जहाँ बच्चा-बच्चा आज़ादी का जश्न मनाता है,

पर मेरे पापा कहाँ है ये हर हर रोज़ पूछते है.

हां, ये नन्हे मुन्ने बच्चे है आज़ादी का यही अर्थ समझते है वो..


सरहद पर खड़े सैनिक को बहादुर भईया कहते है वो,

दुश्मनों को गंदे लोग कहकर रो-रो करते है वो,

इतने छोटे होकर भी कभी-कभी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं वो,

अपने हाथों से देश का Map बनाकर उसे हिंदुस्तान कहते है वो,

चिड़िया की चि-चि करने को भी आज़ादी कहते है वो,

पर मेरे पापा कहाँ है ये हर रोज़ पूछते है वो,

हां, ये नन्हें मुन्ने बच्चे है आज़ादी का यही अर्थ समझते है वो.. 

हां, ये नन्हें मुन्ने बच्चे है आज़ादी का यही अर्थ वो समझते है....



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