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Bhavna Thaker

Inspirational

3  

Bhavna Thaker

Inspirational

स्त्री वंदनीय है

स्त्री वंदनीय है

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संपूर्णता, सुंदरता और कामुकता सिर्फ़ पत्रिकाओं में छपी तस्वीर मात्र है 

"मैं सच्ची, सही और हल्की सी सुंदर स्त्री हूँ"


कोई महान या मूर्ति की ऊँचाई सी रचना नहीं 

नांहि छरहरी कमर वाली ललना.. 

थोड़ी कमनीय काया और नर्म दिल की मालकिन हूँ,

धैर्य और धधकती ज्वाला भी लहलहाती है मुझमें..


प्रेम की परिभाषा, स्पंदन और स्पर्श को बखूबी जानती हूँ,

सकारात्मक मानसिकता सभर अपना पक्ष रखने में माहिर सक्षम, सतेज ऊर्जावान दिमाग है..


हाज़रजवाबी और व्यंग्यात्मक टिप्पणी का मूर्त रूप हूँ 

शब्दों पर मेरी जीभ का कमान कम्माल है..

कामुक ओर प्रबल शब्दों सी वाणी मेरे लब खुलते ही आग लगाती है..


अगर तुम परिपूर्ण हो तब मैं बन सकती हूँ तुम्हारी स्वपनिला, मेरे नर्म नाजुक वजूद को प्यार ओर परवाह से उठाओ..

 

मेरे बिखरे गेसू को सँवारो मेरे सिने पर सर रखकर पवित्र धुन को सुनों, 

बारिश की छम छम सा निनाद सुनाई देगा..


मेरे अंदर की आग को तुम्हारी आँच से मिलने दो, पैरों के अंगूठे पर एक लय में नृत्य करें चलो..

देखो हज़ारों तारे आसमान की चौखट पर खिल उठे इस मधुर मिलन का जश्न मनाते..


मेरी शुद्ध आत्मा पिघल रही है,

मेरा खुदा के नूर सा पाक प्यार समर्पित है 

ये सीधी सादी स्त्री तुम्हें आदर भाव से देखती है, तुम पर भरोसा करती है, तुम्हारी परवाह करती है..

 

"देखो मुझे" 

मैं शुद्धता सभर स्वामिनी हूँ, 

कामुकता स्त्री का असली रुप नहीं वो महज़ अभिवृत्ति का प्रतीक है, 

पहचानों मुझे मैं स्त्री का सहज रुप हूँ मेरा गहना सादगी, समझदारी ओर बुद्धिमत्ता है..


नारी भोगनीय नहीं वंदनीय है,

स्त्री को साधन नहीं साधना समझो, तुम्हें ईश के स्थान पर विराजमान करके पूज सकती है।


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