सतगुरु नाम लजा रहे
सतगुरु नाम लजा रहे
सतगुरु नाम लजा रहे, बापू आशाराम।
करते ढोंग फकीर का, खूब रटाते नाम।
खूब रटाते नाम, ऐशो-आराम रमते।
वेश बदल गुरमीत, गोबिंद जैसे सजते।
कह"जय"छद्म सतलोक,भ्रमाते हमें धर्मगुरु।
करके खूब विचार,हटाओ नकली सतगुरु।
