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Chitra Chellani

Abstract Others

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Chitra Chellani

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सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना

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नलिन विराजिनी, ज्ञानदा, शारदा, पद वंदन स्वीकार करो माँ 

मैं मति हीन हे हंस वाहिनी तुम आशीष दे उपकार करो माँ 

अज्ञान, अभाव, मृषा अभिमान का दूर सघन अंधकार करो माँ 

शब्द सलिला में धार धरो और कंठ में तुम झनकार करो माँ 


विज्ञान प्रमाण में स्वयं विराजो, नैतिकता बन वास करो माँ 

रंग उमंग में, गीत व छंद में शुचि दीपक बन रास करो माँ 

वीणापाणि, भारती, मालिनी, सब कल्मष का तुम नास करो माँ 

ब्राह्मणी ऐसी कृपा कर दो, निज शरणागत को दास करो माँ 



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