STORYMIRROR

Pinky Dubey

Tragedy

3  

Pinky Dubey

Tragedy

सपना

सपना

2 mins
220

हर इंसान एक सपना देखता है

कुछ रह जाते हैं अधूरे

कुछ होते हैं पूरे

जिंदगी सपनो की दुनिया है

सपने नही जिंदगी नही

सपने ही हमे आगे बढ़ने का हौसला देते हैं

हर एक बेटी देखती है सपने की काश एक दिन उसके माँ बाप कहे उसको अपना

घर मे जब बेटी पैदा होती है पहले दिन से उसे प्यारा कर दिया जाता है

घर वाले कहते हैं कि यह मेरे कोइ पिछले जनम का कोइ कर्ज़ होगा

जो मुझे बेटी पैदा हुइ है पहले दिन से उसे बोज समजा जाता है

उसके परिवार वाले उसको अच्छी तालीम देने के बदले उसके दहेज़ के लिए तैयारी करने लगते है

अगर कोइ बेटी माँ बाप की सेवा करती है तोह केहते है मेरी बेटी ने बेटा का फ़र्ज़ निभाया

अगर कोइ बेटी नाम कमाती है तोह केहते है मेरी बेटी ने बेटे जैसा नाम कमाया है

यह बेद भाव क्यों

कब यह दुनिया बेटियो को मानेगी अपना

हमेशा बेटियो को बेटे से कम समझा जाता है

जब बेटियो भी नाम कमा सखती है

कुछ बन सखती है

हमेशा उन्हे बेटो से कम समझा जाता है

हमेशा उन्हे बेटो के साथ तोला जाता है

क्यों यह कोइ नही केहता आज मेरी बेटी ने नाम कमाया है

क्यों यह कोइ नही केहता आज मेरी बेटी ने अपना फ़र्ज़ निभाया है

यह बेद भाव क्यों

कब बदलेगी दुनिया

देखे ये एक सपना हर एक बेटी की कब मेरी माँ कहेगी बेटी कब तु हमारा नाम करेगी

बेटी हमारी ऐसा काम करेगी की दुनिया देखती रह जाएगी

हर एक बेटी देखे ये सपना कब उसके माँ बाप कहे उसे अपना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy