सोशल मीडिया का इश्क
सोशल मीडिया का इश्क
आज इश्क का दरिया,
बहता तुफानी गति से,
शुरुआत होती सोशल मीडिया से,
बिना देखे,
बिना सोचे भाले,
कर डालते वादे,
फिर मैसेज पे मैसेज,
दिन-रात लगे रहते मोबाइल पे,
भेजते सैल्फी अलग-अलग पोज में,
एकदम हो जाते मशहूर,
कभी नहीं होते दूर,
जब चाहा,
कर ली बात,
निकाल लिए सारे अरमान,
जब चाहा छोड़ दिया,
मैसेज भेज के रिश्ता तोड़ दिया,
अगर फिर भी न बनी बात,
नम्बर ब्लाक कर दिया,
और फिर किसी दुसरे की तलाश में चल दिया।
ये इंसटैट काफी बाला इश्क,
है फायदेमंद बहुत,
न आंखों का मिलना,
न संबंधों का जुड़ना,
बस सोशल मीडिया से शुरू,
और वहीं पे खत्म।
इसमें समाज भी नहीं कुछ कर पाता,
उसका भी कोई अड़ंगा नहीं चल पाता,
क्योंकि आशिक माशूक हो गये समार्ट,
फेंक आईडी से चलाते काम,
तस्वीर किसी और की,
इश्क फरमाते कोई और,
इस घालमेल में सब रहते सेफ।
