STORYMIRROR

GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Romance

3  

GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Romance

सोलमेट

सोलमेट

1 min
241

ये तेरा मेरा अहसास है 

जैसे बुझती हुई प्यास है 

हम तो मर ही जाते 

बिन तेरे,


अगर तुम ना होते 

अगर तुम ना होते


दिल की बातें 

जो तुमसे कह लेते है 

यू समझो कि रह जाते 

तेरे बिन अकेले,


अगर तुम ना होते 

अगर तुम ना होते


एक चाह है तेरी 

एक चाह है मेरी 

ये दुनिया कब की 

उजड़-सी जाती,


अगर तुम ना होते 

अगर तुम ना होते


बन गया एक रिश्ता

जैसे एक परिवार 

इन खुशियों में 

कैसे जी पाते,


अगर तुम ना होते 

अगर तुम ना होते


साँस ली नही जाती 

बहुत तेरी याद आती है 

एक जिन्दगी नही 

सदियाँ बितानी है,


राह कोई हो पथरीली 

चलते ही चलते रहते है 

मुमकिन ना होता 

अगर तुम ना होते 

अगर तुम ना होते


ये तेरा मेरा अहसास है 

जैसे बुझती हुई प्यास है 

हम तो मर ही जाते 

बिन तेरे,


अगर तुम ना होते 

अगर तुम ना होते।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

More hindi poem from GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Similar hindi poem from Romance