सोचती हूँ ये।
सोचती हूँ ये।
सोचती हूँ ये अक्सर वो कहती है,
तुम्हें प्यार करना बहुत चाहती हूँ।
तुम पर अपना सर्वस्व लुटाना ही,
तुम्हें अपना पति मन से माना ही।
तुम्हारे बिना जीना मुश्किल हुआ,
आकर मुझे पत्नी बनाकर ले जा।
तेरे बिना एक पल जीना बोझिल,
तेरा प्यार अब मेरी पहली मंजिल।
कभी भी तुमसे दग़ा नहीं करूँगी,
मरते दम तक साथ तुम्हारे रहूँगी।
घर-परिवार अब मायने रखते ना,
बेदर्द ज़माने का कोई भी डर ना।