फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन
फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन
गोलियां बरस रही थी कारगिल युद्ध में
राकेट लॉन्च हो रहे थे इस महायुद्ध में।।
अठारह हजार फूट पर थे पाक सैनिक
नीचे मोर्चे पर थे भारत के वीर सैनिक।।
ऊपर से गोला बरस रहा था अति प्रखर
क्षति हो रहे थे भारत सैनिक निरन्तर।।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को
जिम्मा था घायल जवानों को बचाने को।।
नहीं था बोल बाला महिला अधिकारियों को
२५ पयलट मिला था गुंजन सक्सेना को।।
चीता हेलीकॉप्टर उड़ाया १८ हजार फूट में
वीरतापूर्ण कार्य किया मातृभूमि की रक्षा में।।
घायल सैनिकों को बचाया निर्भीक हो कर
विजय प्राप्त हुआ हमें कारगिल युद्ध पर।।
वीरगंना थी गुंजन सक्सेना अति ही प्रखर
दर्ज किया नाम भारत के शौर्य किताब पर।।
रख दी नाम अपना देश इतिहास के पन्नों पर,
कभी नहीं भूलेगा देश उनकी इस वीरता पर।।
कोटि कोटि प्रणिपात है हमारे मातृशक्ति पर
कभी भी नहीं भूलेंगे उनके इस वीरत्व पर।।