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Sri Sri Mishra

Action

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Sri Sri Mishra

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मेरे ख्वाब

मेरे ख्वाब

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देखे जो कुछ ख़्वाब आंँखों के

काश वो सच हो जाए

लेखनी से लिखूंँ जो कुछ शब्द

काश वह कविता बन कागज पर उतर जाए


वह कोरा कागज भी मुझसे पूछे

बताओ यह शब्द तुम कहांँ से लाए

इठलाऊँ मैं और कुछ ना बताऊँ

कुछ जुस्तजू कर गुफ्तगू करने को

मुझसे फिर वह रूबरू हो जाए


कभी वह शब्द कहानियांँ कह जाए

कभी शायरी बनबँद आंँखों में उतर जाए

जिस तरह सीप रखता है मोती को सहेज कर

उसी तरह मैं शब्द चुनती हूँ अथाह सागर से

उसके एक-एक मनके को पिरोती हूँअपने ख्वाबों से


काश वो सबकी चहेती किस्से कहानियों की माला बन जाए

है विश्वास मुझे जिंदा रहते हैं ये शब्द युगों- युगों तक

काश मेरी किताबों की भी यह अमर गाथा बन जाए

बड़ी चाहत से एक ख़्वाब जो देखा मैंने

काश यह जीवन रहते मेरी आंँखों के आगे सच हो जाए।


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